Shikha Arora

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -14-Apr-2022 - कागज़ के फूल



माना कागज के फूलों से खुशबू आती नहीं , 
पर इससे उसकी खूबसूरती तो जाती नहीं |
 प्यारा होता है वह भी ताजे फूलों की तरह ,
उसको बनाने में माली की मेहनत तो लगती नहीं |
अपना ही पसीना बहता है तैयार होने में उसके ,
जिसकी कीमत और तो किसी को पता ही नहीं |
ताजे फूलों से गर बनता है गुलदस्ता ,
तो कागज के फूलों से भी सज  सकता है गमला |
घर को सजाने में कोई मिलावट हो, 
ऐसा कोई जरूरी तो नहीं |
माना कागज के फूलों से खुशबू आती नहीं ,
इससे उसकी खूबसूरती तो जाती नहीं ,जाती नहीं ||

प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)

   17
18 Comments

Shrishti pandey

15-Apr-2022 09:33 AM

Very nice

Reply

Abhinav ji

15-Apr-2022 08:47 AM

Nice👍

Reply

Swati chourasia

15-Apr-2022 07:22 AM

बहुत खूब 👌

Reply